आप सीधे मुझपे चढ़के आए
क्या आपने सिखाया था उन्हें ऐसा?
पहले आज़ादी आई
फिर आए दौड़ते हुए फ़ौजी
उनकी याददाश्त को आपने उनके मैट्रिक के सर्टिफिकेट के साथ
स्टैपल करके रखा था अपनी दराज़ में
वे मुझे ऐसे पहचानते थे
जैसे एक अँधेरा पहचानता है दूसरे अँधेरे को
वे चिल्लाए किसी गैर सी भाषा में
और जहाँ दिल हो सकता था मेरा
वहाँ उनके जूते थे
वे नाराज़ थे हर चीज से
और हममें से जो मरे, वे भी उन्हें ख़ुश नहीं कर सके
उनका कुछ खो गया था
जिसे वे लाशों में ढूंढ़ा करते थे
क्या आपने सिखाया था उन्हें ऐसा?
मैं एक के गले लगकर रोया उसके लिए
और उसने मुझे अपनी बहन के बारे में बताया
मेरी जाँघ पर एक चोट थी इसी दौरान की
जिसे उसने हैरानी से देखा
और कहा कि फसल तैयार खड़ी है खेत में
और छुट्टी नहीं है
कैसा समय था, कैसा संविधान आपका
कि आप बंदूक और तोप होते गए
और मैं एक लुहार भी न हो सका
कि लोहा तो मेरे पास इतना
जितना आपके पास मेरे हिस्से का नमक, पानी और दलिया
आपके पास मेरे हिस्से के होठ, उनका सूखना और उखड़ना
मेरे दाँत गिरवी रखे आपके बैंक ने
और मैंने एक कागज पर साइन करके दिए
कि हाँ, सब शर्तें मंज़ूर हैं, शुक्रिया जनाब,
कि आप आठवें फ़रिश्ते उतरे हैं जन्नत से
मेरी बेटियों के सर पर हाथ रखें और बचाएं उन्हें
ये कि उनके सर में भाले होते तो बेहतर था
मैं उस दृश्य की कल्पना करता हूं
जब आप उन्हें छूते हैं और एक भाला,
जंग लगा या न लगा, जो भी,
आपकी हथेली को चीरता हुआ ऊपर निकल जाता है
आप फड़फड़ाते हैं ऐसे
जैसे कागज फड़फड़ाते हैं आपके दफ़्तर में दिन भर, कितनी सारी है
हवा
और जंग नहीं लगा है उसमें, अभी अभी कहा मेरी बेटी ने
इसलिए जब फड़फड़ाकर गिरेंगे आप
तो टिटनेस से बचे रहेंगे बिल्कुल
लेकिन यह कहानी नहीं है कोई
आप मुझसे बेहतर जानते हैं ये
इसलिए मैं अपने दाँत उतारकर रखता जाता हूं आपकी तश्तरी में
कहाँ, चीन से लाए क्या?
और ये कालीन, कितने लोग हैं जो इन्हें धोते हैं रोज़?
क्या खाते हैं वे, क्या कभी आप मारते हैं उन्हें?
क्या कभी मारते हैं आप किसी को?
यहाँ दर्द है मुझे दायीं बाजू में,
नहीं, यह बहाना नहीं है सर,
साइन, लीजिए मैं दूसरी बार भी कर दूंगा पीछे
कि वे मिलान करते रहते हैं शीशों के पीछे बैठे बार-बार
वहाँ लॉकर में किटकिटाते हैं क्या मेरे दाँत
जब मैं यहाँ ठिठुरता हूं?
नहीं, यह बड़ी बात करने के लिए नहीं
यूं ही जानने के लिए, पर छोड़िए
मेरे हिस्से आते सब शपथपत्र
यहाँ नहीं जाना, वहाँ नहीं सोना
आवाज़ न हो, बस इतना रोना
आवाज़ न हो, बस इतना रोना
और हम मिलकर इस पेड़ को हिलाते
कि कुछ गिरे नीचे
कभी-कभी आसमान टूटकर ओलों सा गिरता
मैं किसी पुराने थप्पड़ की याद में
तहज़ीब से रहता, बोलता
और पागल होकर जूतों से बाहर क्यों नहीं निकलते हमारे पैर
जब हम चलते इस साफ़ बेशर्म चमकती सड़क पर हर रोज़?
ये कौन से गाने
जिन्होंने डराके रखा है हमें,
मुझे किसी से मोहब्बत नहीं
और न बेचे जाएं ये गुलाब के फूल मेरे घर के सामने
मेरी देहरी को रोज़ न बुहारा जाए
और जो काँच मैं उछालकर फेंकता हूं बाहर सड़क पर
उसका कोई अर्थ है कि वह कचरा नहीं
मैं आपके पाँव धोने
और छिपकर रोने से इनकार करता हूं
मैं हाज़िर रहने
और गायब होने से इनकार करता हूं
कि जब आप सामने हैं,
मैं बता देना चाहता हूं कि सीधे उंगलियां डालकर
निकाल सकता हूं मैं आपकी आँखें
और कानून आपका
न देखना सिखा सकता है, न नज़र लौटा सकता है
इस कानून का इस्तेमाल आप बिस्तर की तरह करते हैं
जिसकी तहों में मेरी सारी नींद फँसी है
मेरी हँसी अख़बार पढ़ते-पढ़ते मर जाती है रोज़
मैं आपसे कोई बात नहीं करना चाहता
कभी-कभी मैं आपको लेकर
इन पटरियों पर लेटना चाहता हूं
और रेल के करीब आने के उन क्षणों में आपको बताना
कि कितना बेमानी था यह
कि आप मेरे चेहरे को कुचलके तान रहे थे सीना
और आप महान हुए
जबकि महान होना एक रेल से नहीं बचा सकता आपको
यह एक ऊँची दीवार है
और इसे तोड़ने जो मेरे कन्धों पर चढ़ा है
उसे आसमान नज़र आता है
पर नज़र नहीं आते मेरे कन्धे और मेरा पेट
आ से आम थे
पर मुझे एक आरी मिली रखी हुई
कि जो दुनिया थी मेरे यहाँ
उसमें हम सब अनचाहे थे
मैंने लोहे का बुरादा उठाया कुछ
और उसे रोटियों पे धरके खाया
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