हम बेसुरे दिनों में
आसमान की ओर चेहरा कर तोड़ते हैं शीशे।
इस तरह हमने आईनों को सिखाया है
थोड़ा तमीज़दार और सुन्दर होना।
आकाश किसी बासी दिन में
मुझसे शरण माँगता है।
मुझे थोड़ा गर्व होता है,
आती है बहुत सारी गुब्बारे सी नींद।
जब मुझे बुखार हुआ
तब मैं जन्म लेना चाहता था।