हम अकेले खोद लेंगे सारे कुएँ

अचानक किसी कोने से निकल आओगी तुम एक दिन
और जब हम राख की कल्पना में
रो रहे होंगे बेहिसाब
या बरसता होगा अमृत
तब हम यूँ ही संयोगवश जान लेंगे
ख़ुशी के तरीके।

वे सब जब किसी हॉल या मन्दिर में जमा हो रहे होंगे दोस्त,
तब मैं तुम्हें मोटरसाइकिल की लाँग ड्राइव पर
दूर किसी सुन्दर गाँव में ले चलूँगा
या हम भूल जाएँगे षड्यंत्रों से भरी
अपनी भदेस भद्दी संकरी पथरीली भाषा
और मैं तुम्हारे स्तनों से खेलते हुए
एक नई पतंग, नए आसमान के बारे में बताऊँगा।

मैं तुमसे जिस रोज़ नींद माँगूंगा,
सोती रहना देर तक
और भूल जाना।

हम अकेले खोद लेंगे सारे कुएँ,
हम अकेले छील लेंगे सारे खेत,
आ जाइए, हम अकेले देंगे आपके बदतमीज़ मुश्किल प्रश्नों के सारे उत्तर
और आपका चेहरा भाड़ में झोंक देंगे।





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5 पाठकों का कहना है :

Ambarish said...

आ जाइए, हम अकेले देंगे आपके बदतमीज़ मुश्किल प्रश्नों के सारे उत्तर
और आपका चेहरा भाड़ में झोंक देंगे।

bahut acche..

Nikhil said...

क्या हो गया है आपको....तबीयत तो ठीक है ना....लांग ड्राइव पर जाना है तो चांद पर जाइे ना..कुंए खोदने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी....वहां पानी तो मिल ही जाएगा..चांद तो वैसे भी आपका फेवरेट आइटम है...

ओम आर्य said...

बढ़ा दो अपनी लौ
कि पकड़ लूँ उसे मैं अपनी लौ से,

इससे पहले कि फकफका कर
बुझ जाए ये रिश्ता
आओ मिल के फ़िर से मना लें दिवाली !
दीपावली की हार्दिक शुभकामना के साथ
ओम आर्य

सागर said...

संयोग वश जान लेंगे ख़ुशी के तरीके...

आ जाइए, हम अकेले देंगे आपके बदतमीज़ मुश्किल प्रश्नों के सारे उत्तर
और आपका चेहरा भाड़ में झोंक देंगे।

मुझे गुदगुदी सी होती है ऐसी विचार सोचकर... फिर पढने को मिल जाये ... तो बुन कर एक स्वेटर तैयार करता हूँ..

डॉ .अनुराग said...

मैं तुमसे जिस रोज़ नींद माँगूंगा,
सोती रहना देर तक
और भूल जाना।



कभी कभी सोचता हूं की कभी कभी कोई कवि भी तो आउट ऑफ़ फॉर्म रहता है .बेट्स मेन की तरह ....पर तुम हर इनिंग में सेंचुरी ठोक रहे हो....