तुम जब ट्रेन में उन्हें घूरते हो
उनके चरित्र की थाह पाने को
या कहा जाए कि
खोजते हो एक इशारा, एक दृष्टि
या इस तरह एक अदद मौका उन्हें क्रूरता से भोगने का
तब वे किसी एक दिशा की ओर लगातार ताक रही होती हैं
और पूर्व नहीं है वह दिशा,
सूरज नहीं है वहाँ।
तुम अँधेरा पोत देते हो
उनके सुनहरे गालों पर,
उनके सपनों के कपास पर
छिड़क देते हो कोयला।
मुश्किल दिनों में वे लपककर आती हैं भूख की तरह
और परीकथाएँ सुनाती हैं अनंत।
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सूरज नहीं है वहाँ |
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हम अकेले खोद लेंगे सारे कुएँ |
अचानक किसी कोने से निकल आओगी तुम एक दिन
और जब हम राख की कल्पना में
रो रहे होंगे बेहिसाब
या बरसता होगा अमृत
तब हम यूँ ही संयोगवश जान लेंगे
ख़ुशी के तरीके।
वे सब जब किसी हॉल या मन्दिर में जमा हो रहे होंगे दोस्त,
तब मैं तुम्हें मोटरसाइकिल की लाँग ड्राइव पर
दूर किसी सुन्दर गाँव में ले चलूँगा
या हम भूल जाएँगे षड्यंत्रों से भरी
अपनी भदेस भद्दी संकरी पथरीली भाषा
और मैं तुम्हारे स्तनों से खेलते हुए
एक नई पतंग, नए आसमान के बारे में बताऊँगा।
मैं तुमसे जिस रोज़ नींद माँगूंगा,
सोती रहना देर तक
और भूल जाना।
हम अकेले खोद लेंगे सारे कुएँ,
हम अकेले छील लेंगे सारे खेत,
आ जाइए, हम अकेले देंगे आपके बदतमीज़ मुश्किल प्रश्नों के सारे उत्तर
और आपका चेहरा भाड़ में झोंक देंगे।
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हिज़्र |
यूँ मैं झेलता तुम्हारे जाने की आवाज़
कि सीढ़ियों पर बिछा देता अपनी आँखें
और नीचे की ओर धंसती इस कुतुब मीनार से
नीचे फेंकता कीचड में
अपनी कविताएँ एक एक करके।
मैं तुम्हारे जबड़े में डालता अपना दिमाग
और शराब की बासी गंध के बीच
तुम मुझे तमीज़ से खाती जानेमन।
मैं जिस दिन मरता
उस दिन कुत्ते रोते
और चिडियाएँ
गिलहरियाँ और रात के आत्मघाती अंधेरे भी।
मैं यूँ अकेला बैठकर ना देखता तस्वीरें
और ना करता प्रार्थनाएं,
तुम्हें पुकारता और तुम लौट आती
मेरे ध्वस्त होने से ठीक पहले।
हम ज़रा कम भावुक होते
तो बेहतर करते प्रेम।
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छूटी हुई लिपस्टिक |
वे तुम्हारी पागल रातों में
तलाशती हैं अपनी छूटी हुई लिपस्टिक
और यकीन करती हैं, तबाह होती हैं
वे चली जाना चाहती हैं
और लौट आना भी,
वे किसी गहरे रंग की पतंग पर बैठकर
परी या माँ बनने को
गायब हो जाना चाहती हैं दरअसल
और तुम उन्हें बताते हो कि
उन्हें डॉक्टर बन जाना चाहिए
और उस उजड़ी हुई महानता में
तुम उन्हें खूबसूरती से धकेलते हो बार बार
जहां तुम बीमार हो
और तुम्हें खेलना है उनकी लटों से,
शिकायतें करनी हैं
और तुतलाना है.
एक उदास रात में
तुम खोलते हो अपने काले रहस्य
और अपनी अनिद्रा के चुम्बनों से उन्हें जला डालते हो,
फिर एक सुबह तुम घर से निकलते हो
पूर्व के जंगलों की ओर
और महान हो जाते हो.
वे अकेली जलाती हैं चूल्हे,
काली पड़ती हैं
और माँ हो जाती हैं.