यह एक अजीब सा सम्मोहन है
जिसकी तह में निराशा और ग्लानि है
यह जीत के बाद का ठहाका है जो ज़्यादा अय्याश हो गया है
कोई है, जिसने चेतावनियाँ देकर फेर ली हैं हमसे नज़रें
कोई है, जो तमाशा देखने के लिए
हाथों से पलकें खींचकर आँखें खोलकर
देर रात तक बैठा है
कोई है जो सो गया है
जिसे खींच खींचकर चीख चीखकर जगाते हैं हम
और रात बहुत है, अक्सर एक बजा है।
लम्बे रास्तों पर चलते हुए हमें छोटा होते जाना है
काली बिल्लियों सी होनी हैं रातें
और हमें दिमागों से बीमार होना है
खींचने हैं विकृत रेखाचित्र
दीवारें तोड़नी हैं और कहना है कि शोर है, तूफ़ान है।
हम जलते जलते सो जाते हैं।
चलते चलते गिर पड़ते हैं अन्धे कुँओं में धड़ाम।
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अन्धे कुँओं में |
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डायल किया गया नम्बर अभी व्यस्त है |
मैं नहीं हूँ
तो कोई और है वहाँ,
कुछ और कहता हुआ
जिसके शब्दों के अर्थ भी आधी रात की तुम्हारी हँसी में
ख़ुशी से उलझकर ख़ुदकुशी करते हैं।
वह भी खिड़कियाँ खोलकर गहरी साँस लेता है
तुम सुनती हो उसका साँस लेना और उन्माद है,
जिसकी छत पर आत्माएँ शरीर हो जाती हैं
मासूमियत से
और वीकएंड है।
डायल किया गया नम्बर अभी व्यस्त है। कृपया कुछ देर बाद डायल करें।
यह मेरे संसार का ब्रह्मवाक्य है, सुनो
और इसकी प्रतिध्वनियों की टकराहटों की दीवारों में
ऐंठा जाता है मेरा रोम रोम,
ज़िन्दा रहने की आख़िरी कोशिश में
अकेले बिस्तर पर करवटें बदलता हुआ
मैं तुम दोनों के संसर्ग की कल्पनाओं में उत्तेजना तलाशता हूं।
वे कौन लड़कियाँ हैं जिन्होंने इतना मारा है मुझे?
क्या होगा?
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